समाजशास्त्र, धर्मशास्त्र, इतिहास
धर्म एवं भारतीय संस्कृति से जुडी हुई नयी खोज
A new research on socio-science, spirituality, theology, history, religion and the culture of India.
By Dr. Shyam Nirmohi
Dr Nirmohi New India
Books Featured In:






What I Do
समाज वैज्ञानिक चिन्तक, लेखक, कवि
I Speak.
Dr. Nirmohi is a popular Samaj-Vaigyanik speaker and has spoken at more than 300 conferences, seminars, symposiums in more than 50 cities around the world.
I Write.
Dr. Nirmohi is a radical socialist thinker and writer who always loves to reveal the hidden truths of the society through his books and makes you feel and realize the sweet & bitter truths behind the social/cultural anecdotes..
I do Poetry.
Dr. Nirmohi is fluent in several Hindi languages (Hindustani, Bhojpuri) as well as in Sanskrit. Most of his emotions and creativity comes out in the form of Bhojpuri poetries.

Testimonials
समकालीन भारतीय समाजवैज्ञानिक क्षेत्र में डा० श्याम लाल सिंह देव "निर्मोही” किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं । आप समाजशास्त्रीय जगत में अपनी नयी-नयी प्रस्थापनाओं के लिए पहचाने जाते हैं । भारतीय समाजशास्त्र के क्षेत्र में तो आप की कृतियाँ अदभुत देन मानी जायेगी। प्रतिष्ठित समाज शास्त्री तथा समाज विज्ञान संस्थान आगरा विश्वविद्यालय आगरा के प्रोफेसर राजेश्वर प्रसाद जी ने पुस्तक की भूमिका में आपको रेडिकल तथा फायर ग्राण्ड समाजशास्त्री ठीक ही कहा है। पत्रकारिता, साहित्य तथा सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में भी आपकी अपनी पहचान है। पुरानी पीढ़ी से लेकर नयी पीढ़ी तक के आप चहेते मित्र हैं।
डॉ० राजनाथ सिंह
एशोसिएट प्रो० समाजशास्त्र, वाराणसीअपनी हजारों नयी खोजों के द्वारा आपने भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन का सूत्रपात कर दिया है। अभी तक ब्राह्मवादी अज्ञान आधारित चिन्तन का कचरा ही सर्वत्र फैला हुआ है। डॉ. निर्मोही आधुनिक वैज्ञानिक भारत के निर्माण के लिए वैज्ञानिक समाजशास्त्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा दे रहे हैं। आपका लेखन बहुजनों की सत्ता के लिए पाठ्य पुस्तक का कार्य करेगा।
साहित्य भूषण डॉ. राम कृष्ण राजपूत (डी. लिट.)
निदेशक - अहिच्छत्रा संग्रहालय, फर्रुखाबादइस शोध ग्रन्थ "ऋग्वैदिक असुर और आर्य" के माध्यम से डा. श्यामलाल निर्मोही ने आर्यों के मूल निवास के रूप में उत्तरी विश्व के 21 शीत प्रधान देशों को 21 स्वर्ग लोक, नर/मनुष्यों के घर अर्थात मनुष्य लोक के 21 देशों को 21 नरक लोक तथा दक्षिणी विश्व के राष्ट्रों को सात पाताल सिद्ध कर स्वर्ग-नरक के अज्ञानान्धकार में डूबे विश्व को ज्ञान का आईना दिखाया है। इसके साथ ही आपने असुरों को भारत के मूल निवासी, वेदों के रचनाकार, आर्यों के शरणदाता. विश्व विजेता सिद्ध कर विश्व के नये इतिहास की आधारशिला रख दी है।
डॉ. विवेक कुमार
समाज विज्ञान विभाग, J.N.U.नई दिल्लीसमाज को चाहिए कि वे विभिन्न दलों में बंटे दलितों, पिछड़ों के राजनीतिज्ञों को बाध्य करे कि ये सबको छोड़कर एक झण्डे के नीचे आ जाये। इसी में समस्त दलित और पिछड़े समाज का हित निहित है, और देश का भाग्योदय भी। ऐसा डॉ. निर्मोही का मत है। मैं भी इससे पूर्णतः सहमत हूं।
जी.एच. राठौर
अध्यक्ष सत्यशोधक ओ.बी.सी. महासंघ एवं बंजारा समाज परिवर्तन अभियान, मराठवाड़ा विभाग, जिला औरंगाबाद, महाराष्ट्रअसुर और आर्य से सम्बन्धित अब तक की समस्त प्रस्थापनाओं से अलग हटकर डॉ श्याम निर्मोही की यह कृति प्राचीन भारतीय समाज एवं संस्कृति ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व की दृष्टि से नये सत्य का उद्घाटन करने में सक्षम है। आपने इस कृति में अपने वैज्ञानिक तर्को, तथ्यों, प्रमाणों से असुर एवं आर्यों के इतिहास को उलटकर रख दिया है। आप की यह कृति विश्व की मनीषा को नये सिरे से सोचने के लिये बाध्य कर देगी।
प्रोफेसर राजेश्वर प्रसाद
अध्यक्ष, भारतीय समाज विज्ञान परिषद (ISSA) आगरा, पूर्व र्निदेशक, समाज विज्ञान संस्थान, आगरा वि.वि. आगराMy Story
डॉ. श्याम लाल निर्मोही एक वैज्ञानिक चिन्तक, लेखक, कवि, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनारों/ सम्मेलनों में सौ से अधिक शोधपत्रों का वाचन तथा काव्य पाठ, आपातकालीन भूमिगत पत्र ‘लोकमित्र’ कॉलेज पत्रिका ‘चेतना’ तथा हिन्दू जागृति, दलित अस्मिता प्रज्ञा साहित्य, हमारी विरासत, दुर्गा ज्ञान ज्योति, सन्देश हलचल, विश्य कम्पन जैसी दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन, रेडियो तथा टेलीविजन केन्द्रों से गीत आदि का प्रसारण, दैनिक समाचार पत्रों तथा प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में हजारों वक्तव्यों आदि का प्रकाशन भी कर चुके हैं ।
विभिन्न संस्थाओं द्वारा कलम रत्न, समाज रत्न, शिक्षक रत्न, पटेल रत्न, साहित्य गौरव, फर्रुखाबाद गौरव, साहित्य श्री, शिखर श्री, प्रज्ञा पुरुष, विज्ञान गौरव, प्रज्ञा भारती, राष्ट्र गौरव, संस्कृति प्ररोघा, इतिहास पुरुष जैसे सम्मानों से सम्मानित भी हो चुके हैं।
